आजका यह काहानी Hindi sex story mom इतना रोमांचक है की आप लंड हिलाने पर मजबूर हो जाओगे। इस कहानी मे मेने एक ऐसे माँ और बेटे की चुदाई के बारे मे बताया है जो असली है।
असल मे यह मेरा ही काहानी है। आपको याद होगा कुछ दिन पहले भी हमारे इसीलिए वेबसाइट पर एक काहानी लिखा गया था जिसका नाम था (Maa Bete ki Chudai ki Kahani)
और उस काहानी मे मेरे दोस्त ने अपनी माँ को चोदा था और मुझे उसके बारे मे बताया था। उसकी बात सुन कर नजाने क्यों मुझे भी यही इच्छा होने लगा की अपना घर मे भी तो सब कुछ है।
और उस दिन से मेने अपनी माँ को अलग नजरिये से देखने लगा था। इतने हवस भर गया था मेरे अंदर की अब राहा नहीं जाता था। इसलिए मेने कई बार मुठ भी मारा और खुद को कमजोर करता गया।
लेकिन अब तक वो मौका नहीं मिला था जिससे मैं माँ को पटा सकों। फिर एक दिन ऐसा समय आया की माँ खुद से ही मेरा लंड लेने केलिए तैयार हो गयी। चलो आजके इसीलिए काहानी मे बताता हूँ।
Hindi sex story mom काहनी की शुरुवात
अभी शादी का मौसम चल रहा है और हर घर मे कोई ना कोई शादी मे जरूर जा रहा है। ऐसे मे मेरे ही घर के पास एक लड़का का शादी था तो उन्होंने हमें बुलाया था।
शाम को पाओ मैं और माँ पास के घर मे गए थे। कुछ समय बाद पटा चला की वो लोग शादी घर मे नहीं वल्कि कहीं और करेंगे। उन्होंने कहीं और हॉल बुकिंग किआ था।
इस चक्कर मे हम सबको जाना पड़ा लेकिन माँ घर पर आई और थोड़ा अच्छे से सजधज कर बाहार निकली। जाली वाला साड़ी पहनी हुई थी और आधा कटा हुआ ब्लाउज।
हाथ ऊपर करती थी तो बगल का कला रंग दिखाई दे रहा था और मेरा लंड उसे देख कर खड़ा हो रहा था। मेने जेसे तैसे खुद को काबू किआ। और गाडी मे बैठ कर हॉल केलिए निकले।
बगल मे माँ बैठी हुई थी और उनका चूचियाँ मेरे हाथ मे घिस रहे थे। मेरे लंड से धीरे धीरे पानी निकल रहा था और मैं मदहोस हो रहा था। मेने जानबूझ कर अपना हाथ को जोर से दबा देता था और माँ कुछ बोली नहीं।
हलाकि यह सब एक बाहाना था और गाडी मे यह सब होता ही है। लेकिन मेरे अंदर क्या आग लगी है वो तो किसीको पता ही नहीं था। कुछ समय बाद हॉल आ गया और हम सब अपने अपने कमरे मे चले गए।
Hindi sex story mom आगे की काहानी
अब हर पतिवार को एक कमरा दिआ गया था और लड़कों केलिए एक अलग से कमरा दिआ गया था। माँ और पापा दोनों कमरे मे चले गए और मैं अपने दोस्तों के साथ अलग कमरे मे गया।
करीब दो घंटे बाद मैं अपने वाले कमरे मे आया तो माँ अकेली थी। और थोड़ी उदास भी थी। मेने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया की पापा और उनके दोस्त मिल कर दारु पिने गए हैँ।
मुझे पता था दारु पिने के बाद पापा कभी कमरे मे आएंगे ही नहीं। इसलिए मेने सोचा क्यों ना आज ही वो चीज किआ जाए जो मैं कई दिनों से करना चाहता था।
मेने बोला:- तो क्या हुआ माँ आ जायेंगे परेशान क्यों हो?
माँ:- वो तो आ जाएंगे लेकिन उन्हें संभालेगा कौन!
मैं:- कोई बात नहीं आएंगे और सो जाएंगे।
माँ:- अगर दारु होता ना मैं भी पीकर आज दिखाती तेरे पापा को।
मैं:- सच मे पीना है तो मैं ले आता हूँ दारु!
माँ:- बेहूड़ा का बेटा बेहूड़ा ही होगा, तू भी पी कर आया है ना।
मैं:- थोड़ी सी पी है माँ, आपको पीना है तो bolo लाके देता हूँ।
माँ:- लेकिन तेरे पापा को पता चलेगा तो गुसा करेंगे।
मैं:- कैसे पता चलेगा आज तो वो भी पी कर टुल है। आप बैठो मैं लेके आता हूँ।
मैं बाहार गया और एक आधा बोतल दारु लेकर आ गया। अब बारी थी दारु पिने की। तो मेने दरवाजा बंद किआ और ग्लास मे दारु डाल कर पिने लगे।
कुछ देर बाद मेने देखा की माँ हंस रही थी और अपना साड़ी का पल्लू निचे गिरा दी थी। सिर्फ ब्लाउज मे वो किसी रण्डी की तरह लग रही थी। मन कर रहा था की अभी सब कुछ ले लूं।
और मुझे खुद पर भी काबू नहीं राहा, इसलिए मेने माँ की साड़ी को उठाया और बाहाना करके चूचि को दबा दिआ। फिर बाहना करके ब्लाउज के साइड से ऊँगली घुसा दिआ।
माँ:- क्या कर राहा है रहने दे ना।
मैं:- अरे साड़ी गिरी हुई है सही तो कर लो।
माँ:- साड़ी गिरी हुई है क्या छोडो खोल देती हूँ कमरे मे क्या साड़ी पेहेनना।
मैं:- लेकिन क्यों पहनी रहो ना।
माँ:- अरे गर्मी लग रही है तुझे क्या प्रॉब्लम है।
मैं:- ठीक है जो करना है करो और क्या।
Hindi sex story mom माँ ने अपनी साडी खुला
मेने देखा की माँ ने अपनी साड़ी खोल दी और लाल रंग का पेटीकोट सामने दिख गया। आधा कटा हुआ ब्लाउज और लाल रंग का पेटीकोट। ऊपर से दोनों के बिच मे पेट क़यामत ढा रही थी।
और मैं यह भी समझ गया था की माँ अभी नशे मे है उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है। तो मेने हिम्मत दिखाया और माँ को पकड़ना शुरू किआ। बाहने से मेने माँ को बोला।
मैं:- आपको नशा हो गया है सो जाओ।
माँ:- नशा मुझे? अभी तो कुछ नहीं हुआ है।
मैं:- आप गलत बातें कर रही हो।
माँ:- क्या बात किआ मेने?
मैं:- आप नंगी हो रही हो मेरे सामने।
माँ:- सच मे मेने सब दिखा दिआ क्या?
मैं:- हाँ सब देख लिआ मेने आपका सो जाई अब।
माँ:- किसीको बताना नहीं प्लीज यह सब नशे मे हुआ बेटा।
मैं:- हाँ नहीं बताऊँगा लेकिन मेरा क्या जो दिखाई हो उसे देख कर तो…..
माँ:- क्या हुआ खड़ा हो गया क्या?
मैं:- हाँ कैसे बात कर रही हो आप मैं बेटा हूँ.
माँ:- अरे छोड़ ना आज़ा मेरे पास दिखा तो क्या हुआ है मेरे बेटे को।
मैं:- रहने दो माँ यह गलत है।
माँ:- अरे चुप बचपन से देखा है तुझे नंगा अभी लंड दिखाने मे शर्मा रहा है, दिखा चल।
मैं:- यह लो देख लो।
मेने अपना लंड निकाला और माँ के सामने रख दिआ। मुझे पता था अब चुदाई बिना आजका रात नहीं काटने वाला। इसलिए मैं नाटक करता गया।
माँ:- अरे यह तो काफी बड़ा है।
मैं:- हाँ तो सबका होता है।
माँ:- बहुत अच्छा है चल तेरी मदत जर देती हूँ।
इतना केहे कर माँ ने मेरा लंड को अपने मुंह मे ले लिआ और चूसने लगी। मुझे एक ही पल मे जन्नत मिल गया था। हलाकि मुझे बहुत मजा आ रहा था लेकिन मैं नाटक करता गया।
कुछ देर माँ ने मेरा लंड को चूसा और मेने धीरे धीरे अपना हाथ को उनकी चूची मे फेरता राहा।
माँ:- क्या ऊपर से पकड़ रहा है सही से दबा ना।
मैं:- सही मे पकड़ लूं?
माँ:- हाँ बेटे दबा इन्हे तभी तेरा पानी निकलेगा।
मैं:- पानी ऐसे थोड़ी निकलेगा।
माँ:- तो जो तू सोच रहा है वो नहीं होने वाला, ऐसे ही निकाल।
मैं:- अच्छा अभी नाटक कर रही हो अब तो मैं चुदे बिना नहीं जाऊंगा।
Hindi sex story mom मेने अपना लंड झटके से घुसा दिया
मेने जबरदस्ती माँ को Bed पर धकेल दिआ और पेटीकोट उठा कर चड्डी के ऊपर से लंड को चुत मे पेल दिआ।
माँ:- आहे आए आअह्ह्ह ससससससस।
मैं:- केसा लगा माँ उम्म्म्म?
माँ:- क्या बात है आज बहुत प्यार आ रहा है माँ पर।
मैं:- आप ने शुरू किआ यह सब।
माँ:- अब घुसा दिआ है तो चोद अच्छे से।
मैं:- किसीको पता नहीं चलेगा ना?
माँ:- कर ना अभी जोर जोर से पेल शशि हम्म्म्म, मेरी चूची दबा ले बेटे।
मेने समय का जरुरत को समझा और अपना काम जारी रखा। बिना कुछ कहे बस चोदता गया।
माँ की चुत इतना मस्त थी की मेरा लंड उसमे खो गया था। पूरी चुत पानी पानी हो रखा था। और मैं उसमे जोर दार पेलाई करें जा रहा था।
माँ:- सुन तू निचे आजा मैं चोदना सिखाती हूँ।
मैं:- ठीक है माँ (मैं निचे आ गया)
माँ:- लंड बहुत बड़ा है तेरा ले अब मार जोर जोर से (अपनी चुत मे लंड डाल कर बोली)
मैं:- यह लो मजा आया ससस हम्म्म्म हहह हहह हहह।
माँ:- आआआआ ऊऊऊऊऊ ससससस हम्म्म्म हा हाँ बेटे और जोर से।
मैं:- मस्त चुत है तेरी हाँ हाँ हाँ हाँ।
माँ:- मुझे रण्डी की तरह चोद बेटे तेरी रखेल बना दे चुत फाड़ डाल मेरी।
मैं:- गांड मरूंगा आज तेरी साली रण्डी।
माँ:- यह ले गांड मार मेरी लगा जोर फाड़ दे सब।
मैं:- आआह आआआह निकलने वाला है मेरा।
माँ:- अंदर छोड़ देना प्रेग्नेंट बना दे मुझे बेटे।
मैं:- यह लो चूची खा जाऊंगा आज तेरी….
माँ:- और जोर से पेल चोद मदारचोद अपनी माँ की चुत पसंद आया, आआआ ससससस उईईई।
फिर मेने देखा की मेरे लंड ने पानी छोड़ दिआ। और फिर क्या था मैं कमजोर हो गया। लेकिन माँ की चुत अभी शांत नहीं हुई थी। तो वो मेरे लंड को जगाने केलिए फिर से डाटू पिने लगी।
हम दोनों ने फिर से दारु पिया और जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ माँ फिर उसे खुद ही अपनी चुत मे डाल ली। उस रात हम दोनों ने करीब 7 बार चुदाई किआ।
और सुभा हुआ तो मैं माँ के सामने आंख नहीं मिला पा रहा था। शर्म आरहा था। घर आया तो माँ मेरे कमरे मे आई और मुझे समझाने लगी। मेरा लंड को चूस कर मुझे मनाई।
फिर कुछ दिन तक हम लोगों ने चुदाई का भरपूर आनंद लिआ। फिर पता नहीं क्यों वो अब यह सब करने नहीं देती और मुझे भी अब ज्यादा मजा नहीं आता।
लेकिन in कुछ दिनों मे हमने कैसे चुदाई किआ और क्या क्या Hindi sex story बनाया वो मैं आपको अगले काहानी मे बताऊँगा। उसके लिए आपको हमारे इस वेबसाइट को Subscribe करना होगा जो मुफ्त है।