आजका यह Odia Sex Story मे आपको मैं बताने वाला हूँ मेरे गाऊँ की एक लड़की के बारे मे जिसको मेने अकेले मे बहुत चोदा। इस Full sexy chudai की काहानी मे आपको यह भी पता चलेगा की लड़कीयाँ भी चुदाई केलिए कितना बेचैन रहती हैँ।
लोग कहते हैँ की गाऊँ की लीडकियां सुशील होती है। लेकिन आजके समय मे सबसे अधिक चुदाई गाऊँ की लड़किओं को चाहिए होता है।
इसमें उनका भी कोई दोस नहीं है यह हनारे Advance दुनिआ का ही देन है। लोगों को लगता है की यदि वो भी खुद को नहीं बदलेंगे तो वो इस दुनिआ का हिस्सा नहीं होंगे। इसलिए गाऊँ की लीडकियां भी प्यार करती हैँ और बहुतों के दांत चुदाई करती है।
ऐसी ही मेरा भी काहानी है और यह मेरे जीवन का पहला चुदाई है। मेने पहेली बार अपने जीवन मे चुदाई का आनंद लिआ था वो यही है। आज मैं उसी काहानी को आपको सुनाने जा रहा हूँ।
आपसे निवेदन है की अपना लंड को हाथ मे ओकड़ लो, और लीडकियां होने चुत मे उंगलियां डाल कर तैयार रहो। साथ ही पानी पोंछने केलिए कोई कपड़ा भी तैयार रखो।
Odia Sex Story का आरम्भ
बात उन दिनों की है जब मैं ज़बानी के दुनिआ मे नया नया कदम रखा था। और मेरा लंड तो रोज हर लड़की को देखते ही खड़ा हो जाता था।
किन्तु उन दिनों लीडकियां उतना अधिक चालाक नहीं होती थी जितना आज के समय मे है। लेकिन चुदाई तो फिर भी होता था। मैं किसी भी लड़की को पटा नहीं पाया था। क्योंकि हम सब उनदिनों बहुत डरते थे।
लेकिन लंड का क्या करें वो तो चुदाई के बिना मानेगा नहीं। इसलिए मेने भी अपना चकर चलाने केलिए कई लड़किओं को निशांने पर रखा।
उनमे से एक लड़की थी निरु (उम्र 16 साल दिखने मे सांवला चूची छोटे, और गाऊँ की लड़किओं की तरह बिना मेकअप किआ हुआ)
निरु मेरे घर रोजाना TV देखने केलिए आया करती थी। क्योंकि उन दिनों सबके घर मे TV नहीं हुआ करता था। और जब वो आती थी तो उसका ब्रा का हुक बाहार दिखाई देता था।
मेरा लंड तो उतने मे ही खड़ा हो जाता था और फिर मैं बहार जाकर हिला लेता था। निरु को चोदने का मेरा मन बहुत दिन से होता था। और चुदाई केलिए मैं पागल सा हो गया था।
लेकिन निरु थी बहुत सुन्दर भले ही वो मेकअप ना करें लेकिन उसको कोई भी देखेगा तो चोदने केलिए मछली की तरह तड़ने लगेगा। निरु केवल मेरे घर TV दुखने नहीं आती थी, कभी कभी वो मेरी बहन से भी मिलने आजाती थी। क्योंकि वो मेरी बहन की अच्छी दोस्त भी थी।
ऐसी मे उसको चोदने केलिए बोलना बहुत खतरनाक कार्य था। लेकिन मैं रहे भी नहीं पाता था मेरा हालत किसी मछली की तरह हो गया था जो बिना पानी के तड़प तड़प कर जान दे देती है।
किन्तु क्या करता बस रोज उसे देखता और अपना लोडा हिला लेता। और इसीलिए इंतजार मे रहता की कब आएगा वो दिन जब मैं निरु को उल्टा पुल्टा करके चोदूंगा।
Full sexy chudai काहानी का अगला भाग
एक दिन वो मौका मिला। असल मे मेरे पापा और मा बहार काम करते हैँ। और मैं हॉस्टल मे रहकर पढ़ाई करने चला गया था। और घर मे मेरे कोई अब नहीं रहता था।
हर शनि बार और रविबार को School की छुट्टी रहता था तो मैं घर आजाता था। ऐसी मे जब मैं घर आता था तब घर मे भी कोई नहीं रहता था।
मैं अकेला खाना बनता था और थोड़ा मौज मस्ती करके फिर हॉस्टल वापस लोट जाता था। अच्छा तो लगता था क्योंकि मैं अकेला होता था और अकेले मे कुछ भी कर सकता था।
अकेले मे मैं घर पर अक्सर नंगा रहता था और जब मन तब हिलाया करता था। बड़ा मजा आता था।
फिर एक शनिबार को मैं घर आया और रास्ते मे निरु के साथ देखा हुआ। उसने पूछा की अकेले रहोगे क्या?
मैं: हाँ और तो कोई है नहीं।
निरु: खाना किसके घर खाओगे?
मैं: मैं खुद बना लूंगा।
निरु:”हँसते हुए” खाना और तुम।
मैं: हाँ क्यों नहीं बना सकता क्या।
निरु: नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है बनाओ बनाओ।
इतना कहकर निरु चली गयी मैं भी घर मे आ गया। कुछ समय बाद मेने खाना बनाने केलिए सामग्री तैयार कर रहा था। तब निरु मेरे घर मे आयी।
मैं: अरे तुम क्या बात है। TV देखना है तो देख सकती हो।
निरु: नहीं नहीं मैं देखने आयी हूँ कैसे खाना बनाते हो।
मैं: अच्छा मज़ाक उड़ाना चाहती हो।
निरु: नहीं बुद्धू मैं मदद करने आयी हूँ।
मैं: अच्छा तो तुम एक काम करो यह सब्जियाँ बनाने मे मदद कर दो।
मेरे मन मे लड्डू फुट रहे थे, बहाने से ही सही निरु को पास से देख सकता हूँ और उसे कभी कभी छूँ भी सकता हूँ। मेने कभी सोचा नहीं था की उसको चोदने का मौका भी मिलेगा। मेने तो सोचा था की आज हिलाने मे और मजा आएगा।
निरु मेरे साथ सब्जियाँ बनाने लगी असल मे गाऊँ मे लीडकियां आजाद हैँ। उनके मा पापा उतना खोज नहीं करते क्योंकि लीडकियां जंगलों मे या दोस्त के घर मे पूरा दिन गुज़ार देती हैँ।
ऐसी मे निरु का मेरे घर आना और इतना समय तक रहना एक साधारण बात है। लेकिन इस बात का फायदा उठाना एक चरमसुख का अनुभव है।
मैं: तुम भी खाओगी ना?
निरु: हट मैं क्यों खाऊंगी मेरे घर मे बना हुआ है।
मैं: बना हुआ है तो क्या, यहीं खा लो मेने बनाया है अच्छा लगेगा।
निरु: अच्छा बनायीं मे और नाम तुम्हारा।
मैं: हाँ लेकिन नाम तो मेरा ही होगा तुम पे कौन विस्वास करेगा।
निरु: यही तो होता है मेहनत हनारा और नाम किसी और का।
मैं: खाओगी या नहीं?
निरु: ठीक है खा लूंगी।
कुछ समय बाद खाना बन कर तैयार हो गया। और इस बिच हम दोनों ने बहुत सारे बातें की। पहेली बार हम दोनों एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल गए थे।
इस बात का ध्यान रखते हुए मेने सोचा की अब निरु को चुदाई केलिए मानना चाहिए। लेकिन उसको बोलों कैसे यही समझ मे नहीं आरहा था। और उसके साथ इतना समय रहने के बाद मेरा लंड तो खड़ा बार बार हो रहा था।
उसको शांत करने केलिए मेने सोचा जाकर हिला लेता हूँ। मेने निरु से काहा की मैं थोड़ी देर मे आता हूँ।
मैं घर के पीछे चला गया और अपना लंड निकाल कर हिलाने लगा। और कसम से इयना आनंद तो पहले कभी नहीं आया जो आज आरहा था। क्योंकि आजका दृश्य अलग ही था मेने निरु के बदन को कई बार छुआँ था।
मेरा लंड पूरा पानी पानी हो गया था और दिमाग़ मे सम्भोग पूरी तरह से भर चूका था। ऐसी मे हिलाओगे तो काफ़ी समय लग जाता है। मैं हिलाते का रहा था और पानी निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था। इतने मे पीछे से एक आवाज आया, क्या कर रहे हो……
मैं: कुछ नहीं बस ऐसी ही।
निरु: छी गंदे ये क्या कर रहे थे। इतना कहे कर निरु चली गई।
मैं: अरे रुको रुको कुछ नहीं।
निरु: इस छी कितने गंदे हो।
मैं: क्या गन्दा किआ मेने मैं तो सुसु कर रहा था।
निरु: मेने देखा तुम क्या कर रहे थे।
मैं: सुसु कर रहा था और कुछ नहीं।
निरु: मेरा नाम लेकर सुसु कर रहे थे।
मैं: अच्छा तुमने सुन लिआ क्या! तुम इतना सुन्दर हो की मैं खुद को रोक नहीं पाया।
निरु: तुम्हारे मन मे यह सब था छी, मैं घर जा रही हूँ।
मैं: अरे ऐसा कुछ नहीं है मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
निरु: अच्छा कबसे।
मैं: वो तो बहुत दिन से लेकिन काहा नहीं डर लगता था।
निरु: झूठ सब झूठ तुम गंदे हो।
मैं: ठीक है चली जाओ इतना दिन बाद आज हिमत हुआ तो बताया मैं सच मे तुझे चाहता हूँ।
नीरू को मनाया [Full sexy chudai]

मैं समझ गया था की अगर वो यहाँ से जा नहीं रही है इसका मतलब है की कहीं ना कहीं उसके मन मे भी चुदाई का ख़याल चल रहा है। नहीं तो कोई भी लड़की बहस नहीं करेंगी।
इसलिए मेने सोचा की आज इसको चोदना पड़ेगा। निरु मुझसे बहस कर रही थी और मैं उसको मानाने मे लगा हुआ था।
मैं: अरे तुम बैठो तो मैं समझाता हूँ।
निरु: हवसी मेरे नाम से क्या कर रहे थे?
मैं: तो और क्या करता तुझे पकड़ तो नहीं सकता ना।
निरु: पकड़ कर क्या करते।
मैं: कुछ नहीं थोड़ा प्यार करता।
निरु: तुम गंदे हो हवसी लालची मैं घर जा रही हूँ, दुबारा मुझे सकल मत दिखाना……
मेने बस उसको पकड़ा और किस किआ एक बार फिर एक बार और फिर एक बार। चार Kiss के बाद निरु का चीलाना बंद हो गया था। और अब मैं उसकी चूची को दबाने लगा।
निरु: छोडो मुझे यार।
मैं: मैं तुझे प्यार करता हूँ आई लव यू निरु।
निरु: ठीक है ठीक है मान गयी अब छोडो।
मैं: अब तो नहीं छोड़ोगा अब चुदाई होंगी।
निरु: कोई देख लेगा कमीने।
मैं: कोई नहीं है इहाँ बहुत मजा आएगा निरु। तुझे आज उल्टा पुल्टा करके चोदगा।
निरु: हावशी साला छोड़ मुझे।
मैं: इतना दिन बाद मिली हो आज तो चोद कर ही रहूंगा।
निरु: कमीने यह था तेरे मन मे ह्ह्हह्ह्ह्ह।
मैं: प्यार है जानेमन तुझसे बहुत प्यार करता हूँ।
निरु: अच्छा पहले काहा क्यों नहीं।
मैं: डर लगता है।
निरु: अह्ह्ह्हह उसह्ह्हह्ह्ह्ह उईईईई।
मैं: चोदने दोगी ना?
निरु: पटा नहीं उह्ह्ह्हह्ह उम्म्म्म।
मैं निरु के जींस मे हाथ डाल दिआ और उसके झाटो को सेहेलाने लगा। इससे निरु और ज्यादा तड़प उठी, उसकी यह पहेली चुदाई थी हलाकि उसका एक बॉयफ्रेंड है और सायेद उसने निरु के बदन को छुआँ होगा।
लेकिन आज तो मुझे दिख रहा था की निरु कैसे बासना से तड़प रही थी। मेने भी सोचा बिचारि को इतना नहीं तड़पाना चाहिए, सीधा चोद कर शांत कर देना चाहिए।
Full sexy chudai आरंभ हुआ

और इसीलिए मेने और देर नहीं किआ। निरु को मेने जमीन ओर लेटाया और उसके कपडे उतार दिआ। निरु मुझे रोक नहीं रही थी मतलब की वो भी चोदना चाहती थी।
जब लड़की लड़का राजी तो कौन रोकेगा चुदाई। मेने भी यही सोचा और निरु के चढ़ी उतार दिआ। उसकी चुत से बहुत गंध आ रहा था लेकिन उस गंध मे भी लंड और टाइट हो रहा था।
मेने आस पास देखा फिर निरु के मुंह को देखा, मुझे लगा की अब निरु बस लंड को चुत के अंदर चाहती है। तो मेने भी और देर नहीं किआ बस अपना लंड मे थोड़ा थूक लगाया और निरु के चुत मे रख दिआ।
निरु थोड़ी सी शर्माई और थोड़ी सी शिक्षकिया लेने लगी। इतने मे मेने एक जोर से धक्का मारा और मेरा लंड निरु के चुत मे आधा चला गया।
निरु: उईईईई माआआआआआआ मर गयी। अह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह ुह्ह्ह्ह।
मैं: शहह ह्ह्ह्ह रुको जाओ चुप हो जा कोई आ जायेगा।
निरु: कमीने दर्द हो रहा है निकल इसे।
मैं: बस यही दर्द होगा और नहीं होगा अब तो मजा आएगा।
निरु: नहीं नहीं मुझे नहीं चाहिए निकालो छोडो मुझे।
मैं: रुक जा एक मिनिट, फिर मेने और एक जोर दार धक्का लगाया और इस बार मेरा लंड निरु के चुत को फाड़ते हुए पूरा अंदर चला गया।
निरु: चुतिया कमीने कुत्ते छोड़ मुझे मर गयी माआआ बचाओ मुझे।
मैं: यार मजा तो लेने दो बहुत अच्छा लगेगा।
निरु: नहीं चाहिए निकल जल्दी।
मैं: अच्छा अच्छा तुम थोड़ी देर मुझे काट लो ठीक है। जब अच्छा लगे तब बोल देना।
निरु: नहीं नहीं उह्ह्ह्ह उईई उम्म्म्म।
मैं: निरु मैं अभी तुझे चोदने जा रहा हूँ तुम मेरे हाथ को काट लेना दर्द हुआ तो।
बस निरु कुछ बोली नहीं क्योंकि उसको दर्द हो रहा था, और मेने भी देखा की बहुत खोन निकल रहा था। लेकिन मुझे पटा था पहेली बार मे खून निकलता है।
तो मेने किसी चीज को ध्यान नहीं दिआ बस अब चुदाई धीरे धीरव करने लगा। निरु तड़प रही थी और मैं चुदाई करता गया।
कुछ समय बाद मुझे लगा की निरु अपना गांड उछाल रही है। मेरे लंड से खेल रही है। मेने उसे पूछा….
मैं: अब अच्छा लग रहा है क्या?
निरु: पटा नहीं चुप रहे।
मैं: बता ना और जोर से चोदों क्या?
निरु: मुझे कस के पकड़ते हुए (आई लव यू)
मैं समझ गया की वो क्या कहना चाह रही थी। बस फिर मेने अपना लंड को एक बार बहार निकाला और फिर से चुत के अंदर डाला और घमासान चुदाई करना चालू किआ।
मैं: अब अच्छा लग रहा है ना निरु?
निरु: अह्ह्ह उससेह्ह्ह हूउउ
मैं: और जोर से दूँ बता केसा लगा?
निरु: कमीने अह्ह्ह उससससससस उम्म्म्म जल्दी कर।
मैं: आअज नहीं छोड़ोगा तुझे। एक और बार चोदूंगा।
निरु: इतनी अच्छी लगती क्या मैं तुझे।
मैं: बहुत तेरी चूची देखते ही मेरा खड़ा हो जाता है।
निरु: हवसी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह हाँ हाँ ऐसी ऐसे।
मैं: आज रात को आओगी क्या?
निरु: नहीं क्या करूंगी आकर?
मैं: कुछ नहीं यही जो कर रहे हैँ बहुत अच्छा लगेगा।
निरु: मेरी बॉयफ्रेंड है समझा।
मैं: तो पहेली चुदाई तो मुझसे हुआ अब तो मैं पति हूँ तेरा।
निरु: हम्म सुहागरात मनाएगा क्या आज रात को?
मैं: तू कहे तो आज पूरी तैयारी कर लूंगा।
निरु: सोचती हूँ अह्ह्ह्ह उससे उह्ह्ह।
मैं: यार इतनी अच्छी दिखती हो अब तक किसीने चोदा नहीं क्यों?
निरु: सब तेरे जैसा नहीं होते ना। उम्मम्मम उईई
मैं: हसससस हस्स्स ले फिर मेरा लंड ये ले हाआआआ हस्स्स।
कुछ देर बाद फिर मेने निरु को घोड़ी बनाया और फिर उसको चोदता रहा। ऐसे करते करते समय कब निकल गया पता ही नहीं चला। और फिर हम दोनों ने पानी छोड़ दिआ।
Full sexy chudai अंत हुआ
कुछ समय बाद निरु बोली अब मैं जाती हूँ, मेने उसको रुका कुछ समय केलिए हम दोनों बात करने लगे। मेने उसे कई प्रश्न पूछें जैसे।
मैं: अच्छा लगा मेरा लंड?
निरु: यह सब मत ही पूछो तो अच्छा है।
मैं: क्यों बुरा लगा क्या?
निरु: नहीं ऐसी बात नहीं है अच्छा था।
मैं: तो और करेंगी क्या?
निरु: पता नहीं मुझे शर्म आरही है।
मैं: इसमें शर्माने की कोई बात ही नहीं है सच बता।
निरु: हाँ यार बहुत अच्छा लगा जन्नत मे थी मैं। पहेली बार लगा कोई प्यार कर रहा है।
मैं: अच्छा तो यह बात था अंदर तू भी मुझसे प्यार करती थी है ना?
निरु: हाँ बहुत पहले पर कहे नहीं पायी थी।
मैं: मेने भी नहीं काहा था डरता था, लेकिन देखो आज चुदाई हो गयी।
निरु: मुझसे शादी करेगा?
मैं: तेरा तो बॉयफ्रेंड है ना।
निरु: उसको छोड़ दूँगी मैं बोल करेगा।
मैं: अभी कर लूं बोल!
निरु: हाँ करके दिखा!
फिर मेने घर मे रखे सिंदूर को लिआ और निरु के मांग भर दिआ। फिर निरु रु पड़ी और मुझे गले लगा ली। और इस बार हम दोनों फिर से एक दूसरे मे खो गए। लेकिन इस बार निरु खुद मुझसे चोद रही थी वो भी जबरदस्ती।
इसीलिए तरह से हमारा पहला प्यार अधूरा होते होते रहे गया। हम दोनों ने फिर बहुत बार चुदाई किआ। दो दिनों मे इतना बार चुदाई सायेद ही किसीने किआ होगा।
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इस तरह से हमारा आजका यह काहानी यहीं समाप्त होता है। यदि आपको कुछ पूछना है तो आप कमेंट मे पूछ सकते हैँ। और यदि इस काहानी से आपको शांति मिली है तो इसे अपने दोस्त भी भेज सकते हैँ।